PM Vishwakarma Yojana 2025 : भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक कला का देश है, जहां कारीगर और शिल्पकार अपनी हस्तकला और कौशल के माध्यम से न केवल अपनी आजीविका चलाते हैं, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करते हैं। लेकिन, आधुनिक युग में तकनीकी प्रगति और बाजार की बदलती मांगों के कारण, इन पारंपरिक कारीगरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनकी कला को बढ़ावा देने और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की। यह योजना 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई थी और 2025 तक इसने लाखों कारीगरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। तो जानते है हम पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के बारे में जिसमें इसके उद्देश्य, लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और प्रगति शामिल हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
PM Vishwakarma Yojana 2025 एक केंद्र सरकार की योजना है, जिसे भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उन कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देना है जो अपने हाथों और औजारों से पारंपरिक कार्य करते हैं। यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण और बाजार से जोड़ने की सुविधा प्रदान करती है। यह योजना कारीगरों को उनकी कला को निखारने और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है, ताकि वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें और समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें।
PM विश्वकर्मा योजना : उद्देश्य क्या है
PM Vishwakarma Yojana 2025 के कुछ प्रमुख उद्देश्य निचे दिए गए है।
- पारंपरिक कारीगरों को मान्यता देना : कारीगरों को ‘विश्वकर्मा’ के रूप में मान्यता देकर उनकी पहचान को मजबूत करना।
- कौशल विकास : आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के साथ कारीगरों के कौशल को उन्नत करना।
- वित्तीय सहायता : कम ब्याज दरों पर ऋण और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- बाजार से जोड़ना : कारीगरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और बाजारों तक पहुंच प्रदान करना, ताकि वे अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बेच सकें।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा : कारीगरों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना और उनके व्यवसाय को स्थायी बनाना।
PM विश्वकर्मा योजना : योजना के लाभ
PM Vishwakarma Yojana 2025 के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को कई तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं। ये लाभ न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं। तो इसमें कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं
- विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और डिजिटल आईडी : प्रत्येक पंजीकृत कारीगर को एक विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और डिजिटल आईडी दी जाती है, जो उनकी पहचान को औपचारिक बनाती है।
- कौशल प्रशिक्षण : इसमें दो प्रकार के प्रशिक्षण दिए है ,जिसमे मूल प्रशिक्षण में 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण, जिसमें कारीगरों को उनके व्यापार में आधुनिक तकनीकों का उपयोग सिखाया जाता है। और उन्नत प्रशिक्षण जिसमे 15 दिनों का गहन प्रशिक्षण, जो कारीगरों को और अधिक कुशल बनाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाता है।
- टूलकिट प्रोत्साहन : कारीगरों को उनके व्यवसाय के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये का ई-वाउचर प्रदान किया जाता है।
- वित्तीय सहायता : PM विश्वकर्मा योजना के तहत मिलने वाली सहायता में दो चरण शामिल है जिसमे पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का बिना गारंटी वाला ऋण, जिसे 18 महीनों में चुकाया जा सकता है और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण, जिसे 36 महीनों में चुकाया जा सकता है और इन ऋणों पर केवल 5% की कम ब्याज दर लागू होती है, और सरकार ब्याज का एक हिस्सा वहन करती है।
- बाजार सहायता : कारीगरों को डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाता है, ताकि वे अपने उत्पादों को देश और विदेश में बेच सकें।
- उद्यमी के रूप में मान्यता : कारीगरों को उद्यम सहायता मंच (Udyam Assist Platform) पर ‘उद्यमी’ के रूप में पंजीकृत किया जाता है, जिससे वे औपचारिक MSME इकोसिस्टम का हिस्सा बनते हैं।
PM विश्वकर्मा योजना : पात्रता मानदंड
PM Vishwakarma Yojana 2025 का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
- आयु : आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- पेशा : आवेदक को निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में सक्रिय रूप से कार्यरत होना चाहिए जिसमे बढ़ई (सुथार/बढ़ाई), नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, तालासाज, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार/पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला, मोची/जूता निर्माता, राजमिस्त्री, टोकरी निर्माता/चटाई निर्माता/रस्सी निर्माता, गुड़िया और खिलौना निर्माता, माला निर्माता, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल निर्माता जैसे व्यवसाय शामिल है।
- पारिवारिक सीमा : एक परिवार से केवल एक व्यक्ति ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
- सरकारी कर्मचारी : सरकारी कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
PM विश्वकर्मा योजना : आवेदन प्रक्रिया
PM Vishwakarma Yojana 2025 के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा किया जा सकता है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा।
- निकटतम CSC केंद्र पर जाएं : अपने नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (Common Service Centre) पर जाएं।
- आधार सत्यापन : आधार कार्ड के माध्यम से मोबाइल सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
- आवेदन पत्र भरें : आधिकारिक पोर्टल (pmvishwakarma.gov.in) पर उपलब्ध आवेदन पत्र भरें।
- दस्तावेज जमा करें : आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण, व्यवसाय से संबंधित प्रमाण आदि अपलोड करें।
- डिजिटल आईडी डाउनलोड करें : पंजीकरण पूरा होने के बाद, विश्वकर्मा डिजिटल आईडी और प्रमाणपत्र डाउनलोड करें।
- लाभ के लिए आवेदन : पोर्टल पर लॉगिन करके ऋण, टूलकिट, या प्रशिक्षण जैसे लाभों के लिए आवेदन करें।
- सत्यापन : आपके आवेदन का सत्यापन ग्राम पंचायत, जिला कार्यान्वयन समिति और स्क्रीनिंग समिति द्वारा किया जाएगा।
- लाभ प्राप्त करें : सत्यापन के बाद, आप लाभ जैको योजना केसे ऋण, टूलकिट, या प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे।
PM विश्वकर्मा योजना का प्रभाव
PM Vishwakarma Yojana 2025 ने पारंपरिक कारीगरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि उनकी कला को आधुनिक बाजारों तक पहुंचाने में भी मदद कर रही है। कारीगर अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने उत्पादों को बेच सकते हैं और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, कम ब्याज दरों पर ऋण ने उनके व्यवसाय को विस्तार देने में मदद की है।
निष्कर्ष
PM Vishwakarma Yojana 2025 एक ऐसी पहल है जो भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उनकी कला और कौशल को भी सम्मान देती है। यह योजना कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आजीविका को बेहतर करने का एक सुनहरा अवसर है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस योजना के लिए पात्र है, तो तुरंत आवेदन करें और इसके लाभों का उपयोग करें। अधिक जानकारी के लिए, आप आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जा सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 18002677777 पर संपर्क कर सकते हैं। यह योजना न केवल कारीगरों के लिए, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।